प्रतिस्पर्धा और असमानता: एक जटिल अंतर्संबं ध परिचय प्रतिस्पर्धा को आर्थिक विकास, नवाचार और व्यक्तिगत उत्कृष्टता का आधार माना जाता है। भारत जैसे विविध और विकासशील देश में यह प्रगति का प्रतीक है। किंतु, जब प्रतिस्पर्धा असमान सामाजिक-आर्थिक संरचनाओं पर आधारित होती है, तो यह असमानता को न केवल बनाए रखती है, बल्कि इसे और गहरा करती है। यह लेख इस अंतर्संबंध का विश्लेषण करता है और इसके प्रभावों को समझने के साथ-साथ समाधान सुझाता है। प्रतिस्पर्धा और असमानता का आर्थिक आयाम आर्थिक प्रतिस्पर्धा में संसाधनों तक पहुंच एक निर्णायक कारक है। भारत में, जहां कुल संपत्ति का 1% सबसे धनी व्यक्तियों के पास 40% से अधिक है (ऑक्सफैम रिपोर्ट, 2023), यह स्पष्ट है कि प्रतिस्पर्धा समान अवसरों पर नहीं टिकी। उदाहरण के लिए, शहरी मध्यम वर्ग के पास बेहतर शिक्षा और तकनीकी सुविधाएँ हैं, जबकि ग्रामीण गरीब आबादी मूलभूत सुविधाओं से वंचित है। परिणामस्वरूप, नौकरी बाजार और उद्यमिता में सफलता उनके लिए आसान हो जाती है जो पहले से सक्षम हैं। यह 'मैथ्यू प्रभाव' (Matthew Effect) को दर्शाता है—जिनके पास है, उन्हें और मिलेगा। स...
Education related article and blog + Essay Available here. Don't forget to follow and give your feedback youtube channel name pragyan revolution